मुंबई: घाटकोपर क्षेत्र में हुए भीषण होर्डिंग हादसे के सिलसिले में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के एक स्ट्रक्चरल इंजीनियर को गुरुवार को पुलिस ने हिरासत में लिया। इंजीनियर पर आरोप है कि उन्होंने होर्डिंग लगाने के लिए अनुचित स्थिरता प्रमाण-पत्र जारी किया था।
घटना का विवरण:
13 मई को मुंबई में आए अचानक तूफान और बारिश के दौरान, घाटकोपर इलाके में एक पेट्रोल पंप पर लगा विशाल होर्डिंग तेज हवाओं के कारण गिर गया। इस दुर्घटना में 17 लोगों की मौत हो गई और 80 से अधिक लोग घायल हो गए।
प्रशासनिक कार्रवाई:
इस घटना के बाद, मुंबई क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू की और स्ट्रक्चरल इंजीनियर मनोज रामकृष्ण सांघू की भूमिका सामने आने पर उन्हें गिरफ्तार किया। बताया जा रहा है कि सांघू ने होर्डिंग के लिए जो स्थिरता प्रमाण-पत्र दिया था, वह अनुचित था और इसी कारण होर्डिंग गिरने की घटना घटी।
सामाजिक प्रतिक्रिया:
इस दुर्घटना पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि वह इस घटना से बेहद दुखी हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हैं।
आगे की जांच:
मुंबई पुलिस और क्राइम ब्रांच अब इस मामले में और गहराई से जांच कर रहे हैं और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की बात कही जा रही है। इस घटना ने स्थिरता प्रमाण-पत्र जारी करने की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए हैं और इसे और अधिक पारदर्शी बनाने की मांग की जा रही है। इस घटना के बाद, मुंबई पुलिस ने जांच तेज कर दी है। बीएमसी के अनुसार, उस स्थान पर चार होर्डिंग थे और उन सभी को पुलिस आयुक्त (मुंबई रेलवे) के लिए एसीपी (प्रशासन) द्वारा मंजूरी दी गई थी। हालांकि, जो होर्डिंग गिरी है उसका आकार 120 x 120 वर्ग फीट था, जबकि बीएमसी की तरफ से अधिकतम 40 x 40 वर्ग फीट के आकार की होर्डिंग लगाने की अनुमति दी जाती है
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— News Mandir (@newsmandir) May 30, 2024
इस खबर को लेकर आम जनता में भी रोष है और लोग सुरक्षा मानकों के प्रति अधिक सजगता की मांग कर रहे हैं। इस घटना ने शहरी नियोजन और सार्वजनिक सुरक्षा के मानकों पर एक बार फिर से चर्चा को जन्म दिया है।
बीएमसी ने कहा होर्डिंग था अवैध, जांच में जुटी पुलिस
घाटकोपर के दर्दनाक होर्डिंग हादसे के बाद, बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने एक बयान में कहा है कि गिरा हुआ होर्डिंग अवैध था और इसकी स्थापना बिना किसी अनुमति के की गई थी।
सामाजिक प्रभाव:
इस घटना ने समाज में व्यापक चिंता और रोष की भावना पैदा कर दी है। लोगों ने सुरक्षा मानकों के प्रति अधिक सजगता और सख्ती की मांग की है। बीएमसी ने अनुमति नहीं होने के कारण एजेंसी (एम/एस ईगो) को अपने सभी होर्डिंग्स को तत्काल प्रभाव से हटाने के लिए नोटिस जारी किया है।
पर्यावरणीय चिंता:
इस हादसे ने पर्यावरणीय चिंताओं को भी उजागर किया है। बीएमसी आयुक्त भूषण गगरानी ने बताया कि होर्डिंग दिखने में बाधा न आए इसलिए छेदा नगर जंक्शन के पास 8 पेड़ों को जहर दिया गया था। इस संबंध में 19 मई, 2023 को बीएमसी ने एक एफआईआर दर्ज करायी थी।
आगे :
बीएमसी और मुंबई पुलिस अब इस मामले में और गहराई से जांच कर रहे हैं और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की बात कही जा रही है। इस घटना ने शहरी नियोजन और सार्वजनिक सुरक्षा के मानकों पर एक बार फिर से चर्चा को जन्म दिया है।